Sunday, 20 June 2021

Antigen and Anti body

परिचय 
मानव शरीर में उपस्थित रूस इसमे उपस्थित कुणे के आधार पर विभिन्नता लिये हुऐ होता है । 
यह विभिन्नता उसमें उपस्थित एन्टीजन एवं एन्टीबॉडी के कारण होती हैं। 
हमारे शरीर में एन्टीजन RBC (लाल रक्त कणिकाओ)
 की उपरि सतह पर पायी जाती हैं। 
ये एन्टीजन हमारे इम्यून सिस्टम द्वारा उपक्षित (g) की जाती है। 
किन्तु किसी अन्य रक्त या रोगजनक का एन्टीजन होने पर हमारे शरीर में उपस्थित Antibody उस पर आफमण करके उसे ख़त्ल कर देती है।

एन्टीजन यह वा अणु था का है जो किसी रोग के खिलाफ ल्यूकोसाइट (एक प्रकार की खेत रक्त कणिका) को उत्तेजित करता है
 जिससे प्रतिरक्षा तन्त्र सक्रिय हो सकें । एन्टीजन किसी आक्रमणकारी / रोग जनक जैसे- बेल्टिरिया, वायरस कवक, परजीवी, प्रत्यारोपित अंग, केसर वैशिकारे इत्यादि पर उपस्थित हो सकते हैं।

एन्टीबाड़ी ये वे काण/अणु होते हैं जो सुक्ष्मजीवो था उनसे स्त्रावित

विष / एन्टीजन से शरीर की सुरक्षा करता है। थे मानव रक्त WBC (वेत रक्त कणिकाओ) पर पाये जाते हैं।

तथा शरीर की Imunity बनाये रखते हैं।

★ प्रकार: Antibody

ये उ प्रकार की होती है । IgA,
 IgG,
 IgE, 
IgD, 
IgM,
IgA


 Antigen /Exogenous

उप्रकार की होती है
अर्थात एन्टीबॉडी मानव शरीर में ही उपस्थित होते हैं जबकि किसी रोगजनक के साथ मानव शरीर में प्रवेश करते हैं।

Action-Reaction B/ Antigen & Antibody. - जब बाधा Antigen मानव शरीर में प्रवेश करता है 
तब मानव रक्त में उपस्थित ल्यूकोसाइट: (Atype of WBC) के माध्यम से मानव प्रतिरक्षा का सक्रिय हो जाता है।

साडिय प्रतिरक्षा तंत्र सम्बंधित Antigen के खिलाफ प्रतिक्रिया करता और एन्टी बॉडी तैयार करता है। तैयार एन्टीवाडी सम्बंधित Antigen से सलग्न हो जाता है (जुड़ जाता है) और उसे जम कर देता है । उसके पश्चात फेगोसाइटोसिस (कोशिका भाग) प्रक्रिया द्वारा अन्य कोशिकाएं उसे निगल जाती है। (खम हुऐ Antigen Pareovels

विभिन्न रोगों से शरीर की सुरक्षा करने एवं महत्व (Important )निभाते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इन्हीं पर निर्भर करती है। इसके अतिरिक्त रक्त के आदान-प्रदान में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

Important facts

Antigens are also known as immemogens Antibodies are called as Immunglobulines

Antigens Cause either disease or allergic reactions

* Antibody Protect body from antigens either by momobilizing the ordigen or lysing the Pattegen


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